सर्वोकॉन के एमडी हाजी कमरूद्दीन
सिद्दीकी ने जामिया फ़ातिमा मदरसे के वार्षिकोत्सव की अध्यक्षता की
सर्वोकॉन के डायरेक्टर ज़ाकिर हुसैन, दिल्ली
सरकार के मंत्री इमरान हुसैन, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता
दिलीप पांडे सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इस
कार्यक्रम में शिरकत करते हुए श्री अजय चौधरी, जॉइंट कमिश्नर, दिल्ली पुलिस
ने कहा, “मदरसा जामिया फातिमा के
विद्यार्थी इंग्लिश स्कूल के विद्यार्थियों से किसी तरह कम नहीं।”
दरगाह हजरत निजामुद्दीन के इंचार्ज सैयद अफ़सर निज़ामी, मंडी समिति दिल्ली सरकार के चेयरमैन नरेश डबास, निगम पार्षद दिल्ली गेट आले इकबाल, हफ़ीज़ एजुकेशन एकेडमी के चेयरमैन कलीमुल हफीज़ उर्फ़ हिलाल मलिक, पूर्व पार्षद जाकिर खान आदि गणमान्य व्यक्ति मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर श्री अजय
चौधरी ने कहा, “मैंने जामिया फातिमा मदरसे के
विद्यार्थियों की परफॉर्मेंस देखी तो लगा कि यह बच्चे इंग्लिश स्कूल के
विद्यार्थियों से किसी तरह कम नहीं है। जो मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को हीन दृष्टि से देखते हैं उनके लिए
मिसाल है मदरसा जामिया फातिमा।” श्री चौधरी ने विशेष रूप से
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आलोचना करने वालों की परवाह किए बगैर
निरंतर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहो आपकी सफलता ही आलोचकों के लिए तमाचा होगी। इस आयोजन में सर्वोकॉन के डायरेक्टर ज़ाकिर हुसैन, आसिफ खान, फ़ेस ग्रुप के चेयरमैन डॉ मुश्ताक़
अंसारी, मोहम्मद
इलियास,मोहम्मद
अखलाक, शमीम खान, सलीम अंसारी आदि विशेष अतिथि के रुप
में उपस्थित रहे। मंच का
संचालन गुलाम मुस्तफा द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम मोहम्मद इरफान अशरफी व मोहम्मद इकराम एडवोकेट
की देखरेख में संपन्न हुआ। मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि एक मुसलमान के लिए मॉडल शिक्षा के साथ-साथ
मजहबी शिक्षा हासिल करना भी जरूरी है। उन्होंने खुशी का इज़हार करते हुए कहा कि
बड़े हर्ष की बात है कि समुदाय में मज़हबी शिक्षा के प्रति रुचि निरंतर बढ़
रही है । उन्होंने कहा जो लोग इंसानियत के लिए काम करते हैं ईश्वर उनकी मदद करता
है ।
आप प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के पिछड़ेपन का एक कारण समुदाय में शिक्षा की कमी भी है
लेकिन पिछले दो दशक से मुस्लिम समुदाय में शिक्षा के प्रति
जागरूकता देखने को मिल रही है जिसका परिणाम यह है कि सरकारी विभागों में समुदाय के लोगों की संख्या बढ़ रही है। सैयद अफसर निजामी ने कहा कि प्रतियोगिता के दौर में बच्चों को मॉडर्न शिक्षा उपलब्ध कराना भी जरूरी है लेकिन हमें
अपनी इस्लामी तालीम को नज़र अंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा वर्तमान परिवेश
में कुछ लोग मॉडर्न एजुकेशन को इतनी ज्यादा अहमियत देते हैं कि मजहब को ही भूल जाते हैं। पार्षद आले
इक़्बाल ने अपने
संबोधन में कहा कि
मौजूदा माहौल में लड़कियों
की शिक्षा पर अधिक बल
देने की जरूरत है क्योंकि
एक लड़की के शिक्षित होने का मतलब दो परिवारों का शिक्षित होना है, क्योंकि एक लड़की जब पढ़ जाती है तो वह अपने छोटे बहन भाइयों को पढ़ाती है और ससुराल जाकर अपने बच्चों को भी
बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा आज इस्लाम का परचम पूरे विश्व में बुलंद है और हमें समय-समय पर
होने वाली छोटी-छोटी मुश्किलों से नहीं घबराना चाहिए।
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